Thursday 11 October 2012

यादों की मिट्टी







हम भी वापस जाएँगे
आबादी से दूर
घने सन्नाटे में
निर्जन वन के पीछे वाली
ऊँची एक पहाड़ी पर
हम भी उड़ने की चाहत में
कितना कुछ तज आए हैं


यादों की मिट्टी से आखिर
कब तक दिल बहलाएँगे
वह दिन आएगा जब वापस
फिर पर्वत को जाएँगे
आबादी से दूर
घने सन्नाटे में

Wednesday 10 October 2012

रंग


2008 की un द्वारा नामित सर्वश्रेष्ठ कविता 

जब मैं पैदा हुआ मैं काला था
जब मैं बड़ा हुआ मैं काला था 
जब मैं सूरज के निकट गया मैं काला था 
जब  ठण्ड थी मैं काला था 
जब मैं बिमार पड़ा मैं काला था
जब मैं मरा तब भी मैं काला था 

और तुम गोरे 

जब तुम पैदा हुए तब तुम गुलाबी थे 
जब तुम बड़े हुए सफेद  हो गए 
जब तुम सूरज के निकट गए लाल हो गए 
जब तुम भयभीत हुए पीले पड़ गए 
जब तुम बिमार हुए  हरे हो गए 
जब तुम्हारी मृत्यु हुई तुम स्लेटी हो गए 

और तुम मुझे काले कहते हो

साभार
प्रकाशित कविता का अनुवाद का प्रयास
10.10. 2012 

Saturday 29 September 2012

बापू


रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम
ईश्वर, अल्ला तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान


गाँधी जयंती पर सबको हार्दिक मंगलमय शुभकामनाएं

सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामया
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मा कश्चित् दुखः भाग भवेत

30.09.2012

Thursday 9 August 2012

नमस्कार

नमस्कार, मैं रूबी हूँ.
Hello, I am RUBY.